नई दिल्ली । शनिवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे का वक्त। जगहः बेंगलुरु का इसरो का कमांड सेंटर। इसरो साइंटिस्ट के चेहरे खुशी से ऐसे दमक रहे थे, मानो 23 अगस्त की शाम विक्रम चांद की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद का नजारा हो। तालियों का गड़गड़हाट थम नहीं रही थी। BRICS और ग्रीस का दौरा खत्म कर सुबह-सुबह बेंगलुरु पहुंचे पीएम मोदी ने कुछ सेकंड पहले ही वह ऐलान किया था, जिसने हर वैज्ञानिक का चेहरा खिला दिया था। यह ऐलान था चंद्रयान-3 की कामयाबी के नामकरण का। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए जैसे ही 23 अगस्त को हर साल ‘नैशनल स्पेस डे‘ के तौर पर मनाने के ऐलान किया, पूरा हॉल मानों जोश से भर गया। मोदी ने कहा कि भारत ने इसी दिन चांद पर तिरंगा फहराया है, इसलिए अस दिन को अब नैशनल स्पेस डे यानी राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
पीएम मोदी ने इस दौरान दो नामकरण और भी किए। उन्होंने कहा कि जिस जगह चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने अपने पांव अंगद की तरह जमाए हुए हैं, उसका नाम ‘शिव शक्ति‘ पॉइंट रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि टचिंग पॉइंट का नाम रखने की वैज्ञानिक परंपरा है। ऐसे में शिव शक्ति से बेहतर नाम कुछ हो नहीं सकता, क्योंकि इससे हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के एक होने का बोध होता है। उन्होंने इसके साथ ही चार साल पहले चंद्रयान-2 के मिशन के दौरान चांद की सतह के चूमने वाले उसके लैंडर विक्रम के टचिंग पॉइंट को भी तिरंगा नाम दिया। चंद्रयान 2 का विक्रम क्रैश होकर चांद की सतह पर गिर गया था।
आगे पढ़िए क्या क्या कहा पीएम मोदी ने
पीएम मोदी ने कहा, ‘23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को अब हिंदुस्तान नैशनल स्पेश डे के रूप में मनाएगा। ये दिन देशवासियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’ जब पीएम ने नैशनल स्पेस डे का ऐलान किया, तो इसरो के हॉल में मौजूद वैज्ञानिक बहुत देर तक तालियां बजाते रहे।
चंद्रयान-3 के टचपॉइंट का नाम शिव शक्ति
इसके अलावा पीएम मोदी ने अपने भाषण में दो और बड़ ऐलान किए। उन्होंने चांद पर जहां चंद्रयान-3 उतरा उस पॉइंट का नामकरण किया। उन्होंने कहा कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर हमारा चंद्रयान उतरा है, भारत ने उस स्थान के भी नामकरण का फैसला लिया है। जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, अब उस Point को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा।
चंद्रयान-2 के पद चिन्ह वाली जगह का नाम रखा गया तिरंगा
वहीं चार साल पहले चांद के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 लैंड होना था, यानी जहां उसके पद चिन्ह मौजूद हैं उस पॉइंट का भी नाम करण किया। उन्होंने कहा चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने पदचिन्ह छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा‘ कहलाएगा। ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।