रेवाड़ी में 10 खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल, दीपावली पर लिए पनीर, दूध-दही के 45 नमूने

रेवाड़ी । हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पिछले माह दीपावली से पहले लिए गए खाद्य पदार्थों के 45 में से 10 सैंपल में गुणवत्ता में कमी पाई गई है। जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने पनीर, दही, छैना, काजू, खोया, घी, दूध व सॉस के सैंपल लिए थे। जो सैंपल ज्यादा फेल मिले हैं, उनमें पनीर, दूध व दही शामिल हैं।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि मिलावटी व निम्नस्तरीय खाद्य पदार्थों से लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उक्त सैंपलों में सब स्टैंडर्ड पाए गए खाद्य पदार्थों के नकली होने की भी आशंका है। इस संबंध में भी जांच करवाई जाएगी। इसमें कुछ नामी मिष्ठान भंडार और होटल शामिल हैं।

विभाग ने 45 सैंपल टेस्ट के लिए लैब भेजे थे, जिसमें 10 सैंपल गुणवत्ता के मामले में फेल पाए गए। फाइल फोटो।

विभाग ने 45 सैंपल टेस्ट के लिए लैब भेजे थे, जिसमें 10 सैंपल गुणवत्ता के मामले में फेल पाए गए। फाइल फोटो।

इनके यहां मिली खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में कमी
विभाग के अनुसार, दीपावली पर्व पर हुडा बाइपास स्थित एजी फूड कंपनी में सॉस, सेक्टर-3 स्थित अन्नू मिष्ठान भंडार से दही, अंबेडकर चौक स्थित कालू स्वीट्स से छेना, कुतुबपुर स्थित भूपेंद्र स्वीट्स से काजू व खोया, परदेसी मिष्ठान भंडार से घी व काजू, धारूहेड़ा चुंगी स्थित प्रभात स्वीट्स से पनीर, गढ़ी बोलनी रोड स्थित पूरन डेयरी से दूध, गुड़ियानी स्थित नमो डेयरी से पनीर की गुणवत्ता में कमी पाई गई है।

30 मामले कोर्ट में विचाराधीन
बता दें कि विभाग की तरफ से सैंपलों को 3 श्रेणी में बांटा गया है। इनमें सब स्टैंडर्ड, अनसेफ व लेवल शामिल हैं। सब स्टैंडर्ड यानि गुणवत्ता की कमी पाई जाने पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा अनसेफ यानि जीवन के लिए हानिकारक पाए जाने पर 6 माह की सजा व 5 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है।

वहीं, लेवल यानि किसी ब्रांडेड कंपनी की पैकिंग, न्यूट्रीशियन, डेट एक्सपायरी, लेबल पर कोई भी अनियमितता आदि पाए जाने पर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। रेवाड़ी जिला में अनसेफ पाए जाने वाले यानि सजा होने वाले 30 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं, अभी तक 7 मामलों में फैसला आ चुका है।

एक्ट में जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान
सब स्टैंडर्ड, मिसब्रांडेड व मिसलीड सैंपलों वाले मामले एडीसी तथा अनसेफ सैंपलों के केस सीजेएम की अदालत में लगाए जाते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के अनुसार, सब स्टैंडर्ड केस में 5 लाख रुपए, मिसब्रांडेड में 3 लाख रुपए तथा मिसलीडिंग सैंपलों की रिपोर्ट के मामले में 10 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा अनसेफ मामले में 6 माह की सजा व एक लाख रुपए तक या फिर केस के आधार पर सजा व जुर्माना हो सकता है।

10 सैंपल में गुणवत्ता में कमी पाई : डॉ. दीपक
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. दीपक चौधरी ने बताया कि विभाग की टीम लगातार मिलावटखोरों पर नजर बनाए हुए है। 1 नवंबर से लगातार दीपावली पर्व तक मिष्ठान भंडारों पर खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए थे, उनमें से 10 की गुणवत्ता में कमी पाई गई थी। अब इनके खिलाफ आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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